शोध विभाग

विद्या भारती ने बालक के व्यवहार को उचित दिशा में परिष्कृत करने हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाएँ तथा प्रकल्प बनाए हैं। वे कितने प्रभावकारी हैं, उनमें कितनी विश्वसनीयता और कितनी वैधता है, व्यक्तित्त्व को प्रभावित करने वाले तत्वों को कितना और कैसे नियंत्रित किया जा सकता है, बालक पर संस्कृति और सामाजिक परिवेश का प्रभाव कितना पड़ रहा है उसका मापन करके उनको और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है, इस सारे कार्य को सम्पन्न करने हेतु शोध केन्द्र की स्थापना की गई है। इसके निदेशक डॉ॰ हिम्मत सिंह सिन्हा जी हैं।

जिसमें तीनों प्रकार के शोध - 1. तात्त्विक या आधारभूत शोध 2. अनुप्रयुक्त शोध 3.क्रिया शोध का प्रावधान और व्यवस्था है।

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